पिछले कुछ सालों से म्यूचुअल फंड की डायरेक्ट प्लान स्कीम में निवेश करने के लिए आकर्षित हो रहे हैं निवेशक
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के अनुसार, इक्विटी एमएफ की फ्लेक्सी-कैप श्रेणी में निवेश का प्रवाह जबर्दस्त रहा है.
Direct vs Regular MF: दोनों के बीच मुख्य अंतर एक्सपेंस रेशियो का है. यह सालाना मेंटेनेंस चार्ज है जो म्यूचुअल फंड अपने खर्चों की भरपाई के लिए लेते हैं
एफडी(FD) आमतौर पर पर्चेजिंग पावर को खत्म करने वाला निवेश है, हालांकि यह ज्यादातर लोगों के लिए बचत और निवेश का सबसे पसंदीदा तरीका रहा है.
रेगुलर प्लान में AMC ब्रोकर या डिस्ट्रिब्यूट का कमीशन MF के खर्च में जोड़कर निवेशक से वसूलती है. कमीनशन न होने से Direct Plan सस्ते होते हैं